बीएनएस धारा 2 क्या है | BNS Section 2 in Hindi | परिभाषाएँ

भारतीय न्याय संहिता, 2023" (Bharatiya Nyaya Sanhita, 2023) भारतीय कानून प्रणाली में एक महत्वपूर्ण सुधारात्मक कदम है। यह भारतीय दंड संहिता (IPC) 1860 को प्रतिस्थापित करने और आधुनिक कानूनी मानकों के अनुरूप बनाने के उद्देश्य से पेश की गई है। यहाँ इसकी संक्षिप्त जानकारी दी गई है:
  1. उद्देश्य: यह संहिता भारतीय दंड संहिता को अपडेट और सुव्यवस्थित करने का प्रयास है। इसका उद्देश्य कानूनी प्रणाली को आधुनिक बनाना और इसे अधिक प्रभावी बनाना है।

  2. संरचना: संहिता विभिन्न भागों में विभाजित है, जो अपराधों और उनके दंड के सामान्य सिद्धांतों, प्रावधानों और प्रक्रियाओं को शामिल करती है। इसमें न्यायिक प्रक्रियाओं और अपील की विधियाँ भी शामिल हैं।

  3. आधुनिककरण: यह संहिता आधुनिक कानूनी मानकों को ध्यान में रखकर तैयार की गई है, जिसमें मामूली अपराधों को गैर-अपराधीकरण, और कानूनी प्रक्रियाओं में तकनीकी सुधार शामिल हैं। इसके अलावा, यह नए प्रकार के अपराधों और बदलती सामाजिक मान्यताओं को भी संबोधित करती है।

  4. मुख्य परिवर्तन:

    • परिभाषाएँ और वर्गीकरण: अपराधों की परिभाषाओं और वर्गीकरण में सुधार किया गया है।
    • दंड: दंडों को अपराध की गंभीरता के अनुरूप संशोधित किया गया है।
    • प्रक्रियाएँ: न्यायिक प्रक्रियाओं में सुधार किया गया है ताकि प्रक्रिया अधिक प्रभावी और न्यायपूर्ण हो सके।

कुल मिलाकर, भारतीय न्याय संहिता, 2023, भारत की अपराध कानून प्रणाली को वर्तमान कानूनी और सामाजिक वास्तविकताओं के अनुरूप बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

धारा 1 धारा 3 धारा 4

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